महाकुम्भ 2025: महाकुम्भ का महासंकल्प पूर्ण विवरण
महाकुम्भ-2025 विश्व को भारतीय सनातन संस्कृति से साक्षात्कार कराने का अनुपम अवसर है। इसे भव्य-दिव्य एवं अविस्मरणीय बनाने के लिए डबल इंजन सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में हर संभव प्रवास कर रही है।
महाकुम्भ-2025: दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए इस अवसर को एक यादगार अनुभव बनाने की दिशा में पूरे प्रयागराज में विकास कार्य कराये जा रहे हैं। यात्रा के सभी आयाम जैसे वायु मार्ग, रेलवे, बस तथा शहर के सभी सड़क, चौराहों और मार्गों को सुगम एवं सुलभ बनाया जा रहा है। प्रयागराज को एक नया कलेवर प्रदान करने के लिए सौंदर्याकरण एवं पर्यटन की दृष्टि से भी कई महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे हैं। इस बार महाकुम्भ को जनमानस के लिए डिजिटली सुलभ बनाने के उद्देश्य से एआई चैट बॉट और अन्य आधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है। बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, होटल, टेंट सिटी, स्नान की प्रमुख तिथियों, अस्पताल, यात्री सहायता केन्द्र, पार्किंग स्थल एवं स्नान घाटों की जानकारी आदि हर सुविधा को बस एक क्लिक में उपलब्ध कराया जा रहा
" महाकुम्भ भारत की समेकित आस्था, सर्वसमावेशी संस्कृति और अटूट एकता की जीवंत अभिव्यक्ति है। निःसन्देह, महाकुम्भ 2025 के पावन अवसर पर मिल रही इन सौगातों से प्रदेश के विकास एवं समृद्धि की यात्रा को और गति प्राप्त होगी। प्रधानमंत्री जी के यशस्वी नेतृत्व में स्वच्छ, सुरक्षित, सुव्यवस्थित और डिजिटल महाकुम्भ के भव्य-दिव्य आयोजन हेतु हम संकल्पित हैं। माँ गंगा, माँ यमुना, माँ सरस्वती के आशीष से अभिसिंचित तीर्थराज प्रयागराज की पावन धरा पर सभी भक्तों का हार्दिक स्वागत है।" योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
" कुम्भ में संत-ज्ञानी लोग मिलकर समाज के सुख-दुख की चर्चा करते हैं। वर्तमान और भविष्य को लेकर चिंतन करते हैं। आज भी कुम्भ के आयोजन से देश के कोने-कोने और समाज में सकारात्मक संदेश जाता है। महाकुम्भ में अलग-अलग राज्यों से करोड़ों लोग जुटेंगे, उनकी भाषाएं अलग होंगी, जातियां अलग होंगी, मान्यताएं अलग होंगी, लेकिन संगम नगरी में आकर वह सब एक हो जाएंगे। इसलिए महाकुम्भ एकता का महायज्ञ है, जिसमें हर तरह के भेदभाव की आहुति दी जाती है। यहां संगम में डुबकी लगाने वाला हर भारतीय एक भारत-श्रेष्ठ भारत की अद्भुत तस्वीर प्रस्तुत करता है।" नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री
स्वच्छ, सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित महाकुम्भ का महासंकल्प
15,000 से अधिक सफाई कर्मी रहेंगे तैनात
25 घाटों के साथ गंगा और यमुना नदी तथा पूरे मेला क्षेत्र की स्वच्छता की निभाएंगे जिम्मेदारी
नो प्लास्टिक जोन
महाकुम्भ मेला में श्रद्धालुओं को प्लास्टिक के बजाय जूट और कपड़े के थैलों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहन। सब्जी मंडी, फल बाजार एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर क्वाइन मशीनों से झोला वितरण
एआई और टेक्नोलॉजी का संगम
एआई चैटबॉट Kumbh Sah'Al'yak 11 भाषाओं में होगा उपलब्ध Voice Question पूछने की सुविधा Google एवं Bhashini से एमओयू
60 करोड़ पत्तल-कुल्हड़ की व्यवस्था
मेला क्षेत्र को गंदगी एवं प्लास्टिक मुक्त रखने के लिए 60 करोड़ से अधिक पत्तल-दोना और कुल्हड़ हो रहे हैं तैयार
30 पांटून पुलों का निर्माण
महाकुम्भ में 06 पांटून पुल अखाड़ों के लिए, 01 पुल संगम के पास रिजर्व और शेष 23 पुल श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए होगा
कुम्भाभिषेकम के साथ कलश की स्थापना
महाकुम्भ-2025 की दिव्यता और भव्यत्ता को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कुम्भाभिषेकम के साथ कलश की स्थापना की। इस ऐतिहासिक अवसर पर देशभर से श्रद्धालु और संत-महात्मा प्रयागराज में गंगा, यमुना औस्सरस्वती के संगम तट पर एकत्रित हुए। प्रधानमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चार और पूजन-अर्चन के बीच कुम्भाभिषेकम करते हुए महाकुम्भ के सफल आयोजन की कामना की।
कलश की स्थापना का महत्व
महाकुम्भ में कलश की स्थापना का विशेष आध्यात्मिक महत्व है। कलश को शुभता, समृद्धि और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। इसकी स्थाधना के साथ ही महाकुम्भ में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास को बल मिलता है और भारत की एकता, समरसता और मानवता का संदेश प्रसारित होता है।
पार्किंग और यातायात प्रबंधन
1850 हेक्टेयर से अधिक अस्थायी पार्किंग क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं, जो पाँच लाख से अधिक वाहनों को समायोजित करेंगे। लगभग 550 शटल बसें और 7,000 बसों को लगाया जायेगा, जो तीर्थयात्रियों को गन्तव्य तक लाने-ले जाने में सहायक होंगी।
"1850 हेक्टेयर से अधिक अस्थायी पार्किंग क्षेत्र 550 शटल बसे 7,000 बसों की सुविधा "
विद्युत व्यवस्था
मेला क्षेत्र में 67,000 से अधिक लाइटें लगाई जा रही हैं। 1,405 किमी. लो टेंशन लाइन और 138 किमी. हाई टेंशन लाइन व 2,000 सोलर हाइब्रिड स्ट्रीट लाइट्स भी स्थापित की गई है। सभी पांटून पुलों पर विशेष रोशनी की व्यवस्था की गई है।
"67 हजार से अधिक एलईडी स्ट्रीट लाइटे 2,000 सोलर हाइब्रिड स्ट्रीट लाइट्स 138 किमी हाई टेशन लाइन"
जल निकासी और सीवरेज व्यवस्था
200 किलोमीटर एचडीपीई पाइपलाइन जल निकासी के लिए लगाई गई है तथा 1.5 लाख शौचालयों की व्यवस्था के साथ 100 ट्रॉली-माउंटेड डीजल पप्स पानी के त्वरित प्रबंधन के लिए तैयार हैं, ताकि किसी प्रकार का अवांछित प्रवाह न हो।
" 200 किमी. एचडीपीई पाइपलाइन जल निकासी हेतु 1.5 लाख शौचालयों की व्यवस्था "
लग्जरी टेंट हाउस
महाकुम्भ में 1.5 लाख से अधिक टेंट हाउस बनाये जा रहे हैं, इनमें 2,000 लग्जरी टेंट के अलावा 6,000 सेमी लग्जरी और अन्य सामान्य टेंट परेड ग्राउन्ड, अरैल एवं झूसी में बसाये जा रहे हैं। टेंट सिटी के साथ विश्वस्तरीय सुविधाओं वाले 400 स्लीपिंग पॉड्स भी तैयार।
" 1.5 लाख से अधिक टेट की व्यवस्था 2,000 लग्जरी टेंट हाउस "
जल आपूर्ति और शोधन
मेला क्षेत्र में पीने के पानी की सुविधा हेतु 7000 नल, 200 वाटर एटीएम और 1,249 किलोमीटर पीने के पानी की पाइपलाइन बिछाई गई है। रसोई और बाथरूम में प्रयुक्त जल के लिए बायोरिमेडिएशन शोधन प्रणाली की व्यवस्था की गई है।
" 7000 से अधिक नल 1249 किमी. पाइपलाइन 200 वाटर एटीएम "
सुरक्षा और निगरानी
सुरक्षा और निगरानी के लिए उन्नत इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड केन्द्र (ICCC) स्थापित किया गया है। पार्किंग क्षेत्रों में एआई आधारित निगरानी तंत्र का प्रबंध होगा, 2750 सीसीटीवी कैमरे 200 स्थानों तथा पार्किंग क्षेत्रों में लगाए गए हैं। 40 नए वेरिएबल मैसेज डिस्प्ले (VMDs) जोड़े गए हैं।
" 2750 सीसीटीवी कैमरे एआई आधारित निगरानी तंत्र 40 वेरिएबल मैसेज डिस्प्ले "
स्वागत की विशेष तैयारी
प्रयागराज को जोड़ने वाले आठ प्रमुख मार्गों, जिनमें वाराणसी, मिर्जापुर, कानपुर, कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़ और लखनऊ के साथ 8 जिले प्रयागराज को जोड़ने वाले मार्ग शामिल हैं। इसके अलावा महात्मा गांधी मार्ग और अरैल मार्ग पर 30 किलोमीटर तक सजावटी उच्च स्तंभ लगाए जा रहे हैं।
" 30 किमी. तक सजावटी स्तंभ प्रयागराज से जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों पर सजावट की व्यवस्था "
992 महाकुम्भ स्पेशल ट्रेन
महाकुम्भ में पहुंचने के लिए देश के कोने-कोने से रेलवे द्वारा 992 महाकुम्भ स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही हैं। इन स्पेशल ट्रेनों की 1,984 बोगियों पर महाकुम्भ से संबंधित तस्वीरें रहेंगी। प्रयागराज से गुजरने वाली सभी ट्रेनों में जनरल बोगियों की संख्या बढ़ायी गयी है।
" 992 स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही हैं 1,984 बोगियों पर नागा साधुओं की तस्वीरें "