APJ Abdul Kalam Essay for Students and Children
APJ Abdul Kalam Essay,डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पूरी दुनिया में एक मशहूर नाम हैं। उन्हें 21वीं सदी के महानतम वैज्ञानिकों में गिना जाता है।
APJ Abdul Kalam Essay,डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पूरी दुनिया में एक मशहूर नाम हैं। उन्हें 21वीं सदी के महानतम वैज्ञानिकों में गिना जाता है। इतना ही नहीं, वे भारत के 11वें राष्ट्रपति बने और उन्होंने अपने देश की सेवा की। वे देश के सबसे मूल्यवान व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रूप में उनका योगदान अतुलनीय है। इसके अलावा, इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) में उनका योगदान उल्लेखनीय है। उन्होंने कई परियोजनाओं का नेतृत्व किया, जिन्होंने समाज में योगदान दिया और वे अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के विकास में भी मदद करने वाले व्यक्ति थे। भारत में परमाणु ऊर्जा में उनकी भागीदारी के लिए, उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता था। और देश के लिए उनके योगदान के कारण, सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया।
कलाम का बचपन-Kalam’s Childhood
अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम, जिन्हें एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जाना जाता है, का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। कलाम का बचपन काफी मुश्किलों भरा रहा क्योंकि उनके पिता का व्यवसाय विफल हो गया था और उनके पास जीवनयापन का कोई दूसरा साधन नहीं था। उनका जन्म ऐसे समय में हुआ था जब उनके परिवार के लिए बहुत मुश्किल समय था, लेकिन उन्होंने अपनी महत्वाकांक्षा को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करके इस मुश्किल दौर से पार पाया। बहुत कम उम्र से ही उन्होंने अपने परिवार की मदद के लिए अखबार बेचना शुरू कर दिया था। अपने औसत शैक्षणिक प्रदर्शन के बावजूद, उनके प्रोफेसरों ने उन्हें दुनिया में गहरी दिलचस्पी रखने वाले मेहनती छात्र के रूप में सराहा।
कलाम का स्कूल और कॉलेज-Kalam’s School And College
कलाम ने अपनी स्कूली शिक्षा रामेश्वरम एलिमेंट्री स्कूल और श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की। कलाम की गणित में गहरी रुचि थी। उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया, जहाँ 1955 में स्नातक होने के बाद उन्होंने भौतिकी और वैमानिकी इंजीनियरिंग का अध्ययन किया।
Honorary degree
Year | Degree | University | Country | Ref. |
---|---|---|---|---|
2007 | Doctor of Science | University of Wolverhampton | United Kingdom | [2] |
2008 | Doctor of Engineering | Nanyang Technological University | Singapore | [2] |
2010 | Doctor of Engineering | University of Waterloo | Canada | [2] |
2012 | Doctor of Laws | Simon Fraser University | Canada | [2] |
2014 | Doctor of Science | University of Edinburgh | Scotland | [2] |
Other awards
Year | Award | Country/Organisation | Ref. |
---|---|---|---|
1997 | Indira Gandhi Award for National Integration | India | |
1998 | Veer Savarkar Award | ||
2000 | SASTRA Ramanujan Prize | Shanmugha Arts, Science, Technology & Research Academy | [4] |
2007 | King Charles II Medal | United Kingdom | |
2009 | Hoover Medal | American Society of Mechanical Engineers | |
International von Kármán Wings Award | California Institute of Technology | ||
2013 | Von Braun Award | National Space Society | [3] |
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का करियर और योगदान-Career and Contribution of APJ Abdul Kalam
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु में हुआ था। उस समय उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी इसलिए उन्होंने कम उम्र से ही अपने परिवार की आर्थिक मदद करना शुरू कर दिया था। लेकिन उन्होंने कभी भी पढ़ाई नहीं छोड़ी। अपने परिवार की मदद करने के साथ-साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी और ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। सबसे बड़ी बात यह है कि वे 1998 में किए गए पोखरण परमाणु परीक्षण के सदस्य थे।
देश के लिए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का योगदान अनगिनत है लेकिन वे अपने सबसे बड़े योगदान के लिए प्रसिद्ध थे, जो अग्नि और पृथ्वी नामक मिसाइलों के विकास में था।
राष्ट्रपति काल-Presidency Period
2002 में, एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति चुने गए। उनके प्रशासन के तहत सेना और राष्ट्र ने महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं, जिससे देश को बहुत लाभ हुआ। 90 के दशक की शुरुआत में, कलाम ने हृदय रोग विशेषज्ञ बी. सोमा राजू के साथ मिलकर कोरोनरी हृदय रोगों के लिए कलाम-राजू-स्टेंट विकसित किया। कलाम लड़ाकू विमान उड़ाने वाले पहले भारतीय राष्ट्राध्यक्ष थे और उन्होंने भारत का पहला स्वदेशी होवरक्राफ्ट 'नंदी' डिज़ाइन किया था। उन्होंने सच्चे दिल से देश की सेवा की और उन्हें "लोगों का राष्ट्रपति" कहा जाने लगा। कलाम ने "इंडिया 2020," "इग्नाइटेड माइंड्स," "मिशन इंडिया," "द ल्यूमिनस स्पार्क्स," "इंस्पायरिंग थॉट्स," और अन्य सहित कई किताबें लिखीं।
राष्ट्रपति पद के बाद का काल-Post-presidency Period
अपने कार्यकाल के अंत में राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम फिर से अपने पुराने जुनून की ओर लौट आए जो छात्रों को पढ़ाना था। उन्होंने देश भर में स्थित भारत के कई प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित संस्थानों के लिए काम किया। सबसे बढ़कर, उनके अनुसार देश के युवा बहुत प्रतिभाशाली हैं लेकिन उन्हें अपनी योग्यता साबित करने के लिए अवसर की आवश्यकता है, इसलिए उन्होंने उनके हर अच्छे काम में उनका साथ दिया।
पुरस्कार और सम्मान-Awards and Honors
अपने जीवनकाल में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को न केवल भारतीय संगठन और Padma Bhushan ,1981 The third-highest civilian honour of India, Padma Vibhushan, 1990 The second-highest civilian honour of India, Bharat Ratna 1999 समितियों द्वारा बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और समितियों द्वारा भी पुरस्कृत और सम्मानित किया गया।
Ribbon | Decoration | Country | Date | Note | Ref. |
---|---|---|---|---|---|
Padma Bhushan | India | 1981 | The third-highest civilian honour of India. | ||
Padma Vibhushan | 1990 | The second-highest civilian honour of India. | |||
Bharat Ratna | 1999 | The highest civilian honour of India. |
लेखन और चरित्र-Writings and Character
अपने जीवनकाल में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने कई किताबें लिखीं लेकिन उनकी सबसे उल्लेखनीय कृति "इंडिया 2020," "इग्नाइटेड माइंड्स," "मिशन इंडिया," "द ल्यूमिनस स्पार्क्स," "इंस्पायरिंग थॉट्स," और अन्य सहित कई किताबें लिखीं। थी जिसमें भारत को महाशक्ति बनाने की कार्ययोजना है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सादगी और ईमानदारी के धनी व्यक्ति थे। वे काम में इतने व्यस्त रहते थे कि सुबह जल्दी उठ जाते थे और आधी रात के बाद देर तक काम करते थे।
एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु-APJ Abdul Kalam's death
2015 में शिलांग में छात्रों को व्याख्यान देते समय अचानक हृदयाघात से उनकी मृत्यु हो गई। वे एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक और अग्रणी इंजीनियर थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया और देश की सेवा करते हुए ही उनकी मृत्यु हो गई। इस व्यक्ति के पास भारत को एक महान देश बनाने का विजन था। और उनके अनुसार युवा ही देश की असली संपत्ति हैं, इसलिए हमें उन्हें प्रेरित और प्रोत्साहित करना चाहिए।