Jivan Parichay

Tulsidas Ji ka Jeevan Parichay

“‘तुलसी’ काया खेत है, मनसा भयौ किसान। पाप-पुन्य दोउ बीज हैं, बुवै सो लुनै निदान॥” – तुलसीदास जी की, इन पंक्तियों में हमारे मानवी जीवन...